आजकल भारत में हर गाड़ी के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट यानी HSRP Number Plate लगवाना जरूरी हो गया है। यह सिर्फ एक साधारण नंबर प्लेट नहीं है, बल्कि आपकी गाड़ी की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए बनाई गई है। सरकार ने इसे इसलिए अनिवार्य किया है ताकि गाड़ी चोरी और नकली नंबर प्लेट जैसी समस्याओं को रोका जा सके।
अगर आपकी गाड़ी पर अभी तक HSRP नहीं लगी है, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। इस लेख में हम आसान भाषा में बताएंगे कि HSRP क्या है, इसके क्या फायदे हैं और इसे कैसे लगवाया जा सकता है।
HSRP Number Plate क्या होती है?
HSRP नंबर प्लेट एक नई तकनीक से बनी खास प्लेट है, जो पुरानी नंबर प्लेटों से काफी अलग है। पहले की प्लेटों को आसानी से बदला या नकली बनाया जा सकता था, लेकिन HSRP के साथ ऐसा करना बहुत मुश्किल है। यह प्लेट एल्यूमीनियम से बनी होती है और इसमें कई सिक्योरिटी फीचर्स होते हैं, जैसे होलोग्राम और यूनिक कोड।
भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने इसे सभी पुराने और नए वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया है। तो चलिए जानते हैं कि HSRP के क्या फायदे हैं और इसे कैसे बनवाया जा सकता है।
HSRP कैसे लगवाएं?
HSRP नंबर प्लेट बनवाने की प्रक्रिया बहुत आसान है।
- इसके लिए आपको सरकार की आधिकारिक वेबसाइट जैसे bookmyhsrp.com पर जाना होगा।
- वहां आपको अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर, चेसिस नंबर और इंजन नंबर भरना होगा।
- इसके बाद आप अपने नजदीकी फिटमेंट सेंटर और टाइम स्लॉट चुन सकते हैं।
- ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद आपको एक रसीद मिलेगी।
- तय तारीख पर सेंटर जाकर आप अपनी गाड़ी में HSRP नंबर प्लेट लगवा सकते हैं।
कीमत की बात करें तो, दोपहिया वाहनों के लिए यह करीब 500-600 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 800-1000 रुपये तक हो सकती है।
HSRP नंबर प्लेट की खासियत और फायदे
HSRP का पूरा नाम हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट है। यह एक ऐसी नंबर प्लेट है, जिसे गाड़ियों की चोरी रोकने और उनकी पहचान पक्की करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें एक खास क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम, लेजर से लिखा गया यूनिक कोड और न हटाया जा सकने वाला लॉक होता है। यह प्लेट गाड़ी के आगे और पीछे लगाई जाती है। सरकार ने अप्रैल 2019 के बाद से बेची जाने वाली हर नई गाड़ी के लिए इसे अनिवार्य कर दिया है, और पुराने वाहनों के लिए भी इसे लगाने की समय सीमा दी गई है।
HSRP नंबर प्लेट के कई फायदे हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह गाड़ी की चोरी को रोकने में मदद करती है। चूंकि इसे हटाना या बदलना मुश्किल होता है, इसलिए चोर इसे आसानी से नहीं हटा सकते। इसके अलावा, ट्रैफिक पुलिस के लिए भी यह बहुत मददगार होती है।
अगर कोई ट्रैफिक नियम तोड़ता है, तो HSRP की मदद से उसकी पहचान जल्दी की जा सकती है। साथ ही, यह नंबर प्लेट रात में चमकती है, जिससे अंधेरे में भी गाड़ी आसानी से दिखती है। यह एक तरह से गाड़ी का डिजिटल पहचान पत्र होता है, जो हर वाहन को यूनिक बनाता है।
HSRP कैसे काम करती है?
HSRP Number Plate में 10 अंकों का एक यूनिक कोड होता है, जो गाड़ी के चेसिस और इंजन नंबर से जुड़ा होता है। यह जानकारी एक केंद्रीय डेटाबेस में स्टोर रहती है। जब पुलिस या कोई अधिकारी इसे स्कैन करता है, तो गाड़ी की पूरी जानकारी तुरंत सामने आ जाती है।
इस प्लेट में लगे लॉक इतने मजबूत होते हैं कि इन्हें तोड़े बिना हटाया नहीं जा सकता। इसके अलावा, इसमें भारत का चिन्ह और “IND” लिखा होता है, जिससे यह और भी खास बन जाती है। इस तकनीक की वजह से अपराधियों के लिए गाड़ियों की चोरी करना मुश्किल हो गया है और आम लोगों के लिए सुरक्षा बढ़ गई है।
भारत में हर साल लाखों गाड़ियां चोरी होती हैं। पहले, गाड़ी की नंबर प्लेट बदलना बहुत आसान था, जिससे चोरी की गई गाड़ियों को पहचानना मुश्किल हो जाता था। लेकिन HSRP के आने से यह समस्या काफी हद तक हल हो गई है। सरकार ने इसे कानूनी रूप से अनिवार्य कर दिया है, और अगर आप इसे नहीं लगवाते, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है। महाराष्ट्र जैसे राज्यों में इसे लगवाने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2025 तय की गई है। इसलिए बेहतर होगा कि समय रहते इसे लगवा लिया जाए।
HSRP Number Plate आपकी गाड़ी की सुरक्षा को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। यह न सिर्फ चोरी से बचाव करता है, बल्कि ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने में भी मदद करता है। अगर आपने अभी तक अपनी गाड़ी के लिए HSRP नहीं लगवाई है, तो जल्द ही ऑनलाइन अप्लाई करें। यह सिर्फ कानून का पालन नहीं, बल्कि आपकी और आपकी गाड़ी की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। इसलिए देर न करें, आज ही HSRP बुक करें और बेफिक्र होकर सफर करें।